पत्ता नहीं, तुम्हे कैसे सम्झायुं
ये प्यार नहीं है .… खाली एक तुम वाला फीलिंग्स है 
प्यार बहत भारी हे.… 
मेरी समझ से परे हे.… 
तुम समझते हो शायद… 
किसीसे प्यार करते हो शायद… 
"एक बार नहीं, कईं बार होता हे"
"ऐसे थोडे ना  होता हे"    
मैं उलझना नहीं  चाहती 
मैंने प्यार करना नहीं  चाहती…  
"पर ये क्या हे… "
"तुम ऐसे क्यूँ हो…"
मैं तुमसे प्यार नहीं करती हूँ 
बस  इक "तुम वाला फीलिंग्स" मैं जीती हूँ.…     

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